Friday 25 July 2014

दहेज़, घरेलु हिंसा के झूठे केस की मुख्य जड़ है,गुजारा भत्ता.सबसे पहले इसको काबू करें..

दहेज़, घरेलु हिंसा के झूठे केस की मुख्य जड़ है..........गुजारा भत्ता . सबसे पहले इसको काबू करें..............फिर देखें...!!!

July 26, 2014 at 10:28am
दहेज़, घरेलु हिंसा के झूठे केस की मुख्य जड़ है..........गुजारा  भत्ता . सबसे पहले इसको काबू करें..............फिर देखें...!!!  ससुराल वाले कैसे तड़फते हैं ...................??? 

दहेज़, घरेलु हिंसा के झूठे केस को काबू करने से सम्बंधित कुछ अनुभव/ सुझाव  .................

आदरणीय देशवासिओं.

 हमारा ये मानना है कि दहेज़, घरेलु हिंसा के झूठे केस को काबू करने के लिए सबसे पहले आप को मेंटनेंस का केस काबू करना चाहिए . क्योकि----

--- दहेज़, घरेलु हिंसा के झूठे केस के बढ़ने  कि मुख्य  वजह गुजारा भत्ता ही है  
--- मेंटनेंस के केस के कारण आप का पैसा आप के ही खिलाफ प्रयोग होता है.
---गुजारा भत्ता देने के बाद आप का केस   खत्म नहीं होता, बल्कि और खतरनाक  हो जाता है 
 कुछ अनुभव --
-- कुछ दिनों पहले मैं सुप्रीम कोर्ट में था . मैंने देखा की एक औरत उम्र - लगभग 55  साल काफी देर से एक पिता और उसके बेटे के खिलाफ उल्टा- सीधा बोले जा रही थी. वे बेचारे चुपचाप खड़े थे.  उनकी उम्र देखकर मैं समझ गया की इनके केस फैमिली केस है . मैने उस पिता पुत्र से बात की तो पता चला की वो लड़का 70  %  विकलांग और पोलियो से ग्रस्त है और 20000  /- हर महीना गुजारा भत्ता दे रहा है . और इसीलिए ये औरत और उसकी बेटी इतना इतरा रही है .

--एक और केस मेरे एक मित्र हैं . उनकी माता जी वीमेन सेल में DSP  थी . वो खुद इंजीनियर है और उनकी पत्नी भी . पति 15000  /-  गुजारा भत्ता दे रहा है . लड़की जानबूझकर बेरोजगार दिख रही है , छुपकर नौकरी भी करती है . और अब 50000  /-  गुजारा भत्ता मांग रही है . उस केस में लेडी जज भी बदमाश है , वो भी उस लड़की की तरफदारी कर रही है . उस पति की सैलरी 60000  के लगभग है . दूसरे खर्चे, इनकम टैक्स, वकीलों के खर्चे , हर तारीख पर 500  किलोमीटर x  2  आना जाना का खर्च अलग . 
कुछ लोग हमरा ये कहकर विरोध करते हैं की--- नौकरी छोड़ने की बात बेवकूफी है . हम कह रहे हैं की - नौकरी करके गुजारा भत्ता देने वालो की Situation  देख लो . अब वे अपने फैसले से हट नहीं सकते .

आप ने खून पसीना बहकर पैसा कमाया.......................  और अपने ही खिलाफ प्रयोग करवाया . इससे अच्छा तो ये हो की आप कोई भी  और काम कर ले और अपने नाम पर कुछ न रखें और अपनी ऊर्जा को कानून दुरूपयोग को रोकने में लगाते तो  हालत इतने खतरनाक  न होते . 
आप ने पैसा कमाया भी धक्के खाए ..........जो आया वो इनकम टैक्स, वकील, कोर्ट के खर्चे, मेंटनेंस में लूटा  दिया ..........................और अपने दुश्मन को और  ताकतवर कर दिया ...................तो भाई आपका   पीछा कभी भी नहीं छूटेगा . 

महिला आयोग,  तथाकथित महिला कल्याण संगठन पुलिस, वकील  ये सब मिलकर यही तो चाहते हैं .
और हमारी कमाई का मजा मिलने के बाद ही महिला आयोग उलटी- सीधी बातें कानून में डलवा कर इस शोषण को और बढ़ाना चाहता है . तो अब सोचकर बताएं की -- आप   अपनी मेहनत की कमाई को बर्बाद करके, ..............गुजारा भत्ता देकर,  ............ महिलाओ के द्वारा कानून दुरूपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं या ............दुरूपयोग को रोक रहे हैं . 
और अगर आप गुजारा भत्ता नहीं देंगे तो समाज में दूर तक सन्देश जायेगा . जब कुछ नहीं मिलेगा तो लोग केस डालने से डरेंगे .

---  और इन सबसे बड़ी बात ये की इन लोगो में डर पैदा होने से ये किसी और के साथ ऐसा करने से पहले दस बार सोचेंगे . इसके दूरगामी परिणाम होंगे ..........................!!!
और सबसे बड़ी उपलब्धि ये कि -- लोगो को  अवैध वसूली देकर शोषण करवाने  कि बजाय झूठे केस के खिलाफ संघर्ष करने कि प्रेरणा मिलेगी .....................!!!
हमारा मानना है कि-- सिर्फ भाषणबाजी से कुछ भी नहीं बदलेगा . आपको आदर्श प्रस्तुत करने पड़ेंगे . त्याग करना पड़ेगा ..................तब जाकर सुधार होगा . 
आपके सुझाव  और प्रतिक्रियाएँ सादर आमंत्रित हैं.....................

अापका
भवदीय
Manojj Kr. Vishwakarma... न्याय--- पुरुष
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