Monday 28 October 2013

कोर्ट में गुजारा भत्ता केस को काबू करने के सुझाव --



Solutions by Manojj Kr. Vishwakarma...........................

कोर्ट में गुजारा भत्ता केस को काबू करने के सुझाव ----

अक्सर देखने में आता है की जज ने गुजारा भत्ता का आदेश कर दिया . वकील वही से आपको डराना शुरू कर देते हैं अगर पाँच हज़ार हर महीने का आर्डर दिया . चाहे वो सही है या गलत .

आप डर कर एक बार कोर्ट में जमा करवा दिया तो जज तो सोचेगा की वो सही था , अगर पैसे नहीं थे तो जमा कैसे करवा दिए ,......???
हम डर के मरे पहले तो पैसे जमा करवा देते हैं, फिर कहेंगे भाई साब इस मेंटनेंस से पिछा छुडवा दो . हम दोनों लड्डू आने हाथ में रखेंगे तो फसेंगे . अगर आप शुरू से ही ना दे तो बचना बहुत आसन है . जज सच को बहार लेन के लिए जेल की बात करता है . दूसरा जब दूसरी पार्टी का वकील बोलेगा तो जज खाना पूर्ति के लिए पूछेगा , लेकिन इसका मतलब ये नहीं की आप जेल भेज दिए गए . लेकिन हम उससे पहले ही कोर्ट में पैसे जमा करवा दिए . वकील खुश क्यों की उनका जुगाड़ बन गया.....??? .आपका वकील भी चाहता है की मेंटेनन्स दिया जाये . परदे के पीछे ये सारे एक होते हैं. अब एक बार देकर आप मुकरते है तो कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट की बात आया जाती है. आप मौका ही क्यों दे .........???

जिस दिन आप अपने गुजारा भत्ता के केस को काबू में करलेंगे , उस दिन आपके ससुराल पक्ष, वकील, कोर्ट ................सब कुछ काबू में आ जायेगा ................!!!

इन केसों के समाधान के लिए अपने-२ राज्यों में हमारी कार्यशाला आयोजित करें ताकि हम लोगों की मदद कर सकें .

अगर आप मेरे सुझावों से सहमत हैं तो इसे जन-जन तक पहुचाएँ.......
भवदीय
Manojj Kr. Vishwakarma .
Social Activist, RTI Activist & Scientist...

परिवार बचाओ ----देश बचाओ.... जनआन्दोलन....
Contact-- Manojj 09253323118/ 09910597896 ; Anupam 08447034601 ; Bansal Uncle 09811105587

No comments:

Post a Comment